536. NSS LYRICS //. NATIONAL SERVICE SCHEME
उठें समाज के लिए उठें-उठें,
Baḍaejoṅ Credit
Lyrics tumạl
Presented nss ahmedabad
𝕃𝕪𝕣𝕚𝕔𝕤
जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें - जगें
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें -2
🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹
हम उठें, उठेगा जग हमारे संग साथियों
हम बढें , तो सब बढ़ेगें अपने आप साथियों
जमीं पे आसमान को उतार दें
जमीं पे आसमान को उतार दें
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें - 2
🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹
उदासियों को दूर कर खुशी को बांटते चलें
गांव और शहर की दूरियों को पाटते चलें
ज्ञान को प्रचार दें प्रसार दें
विज्ञान को प्रचार दें प्रसार दें
स्वयं सजें वसुंधरा सांवर दें - 2
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सामर्थ बाल वृद्ध और नारियों रहें सदा
हरे भरे वनों की शाल ओढ़ती रहे धारा
तरक्कियों की एक नई कतार दें
तरक्कियों की एक नई कतार दें
स्वयं सजें वसुंधरा संवार दें - 2
🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹🎹
ये जाति धर्म बोलियाॅं बने न शूल राह की
वढ़ाएँ बेल प्रेम की अखंडदाता की चाह की
भावना से ये चमन निखार दें
सद्भावना से ये चमन निखार दें-2
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें - 2
उठें समाज के लिए उठें-उठें
उठें समाज के लिए उठें-उठें
जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें - जगें
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें - 2
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